नई दिल्ली। बिहार का सबसे जाना माना त्योहार अब आ गया है। दिवाली के भाई दूज से इस त्योहार का समापन हो जाता है। और इसके बाद छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो जाती है। आपको बता दें कि छठ पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाई जाती है। यह त्योहार बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखण्ड में छठ पूजा को बहुत ही धूमधाम से मानते हैं। लेकिन इसके साथ – साथ दिल्ली, मुंबई समेत कई बड़े शहरों में इस छठ पूजा को मानते हैं।
बिहार का छठ पूजा का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। इस बार इस छठ पूजा को 20 नवंबर शुक्रवार से शुरू किया जा रहा है। आपको बता दें कि इस छठ पूजा का पहला दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जा रहा है। इस बार कोरोना के कारण लोग इस पूजा में सतर्कता बरत रहे हैं। आपको बता दें कि छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय से शुरू होता है।
छठ पूजा का पहला दिन नहाय – खाय
छठ पूजा का पहला दिन नहाय – खाय से शुरू होता है। आपको बता दें कि यह पूजा 18 नवंबर बुधवार से पहला दिन शुरू हो रहा है। इस पहले दिन नहाय खाय का सूर्योदय सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगा। और शाम को 5 बजकर 26 पर होना है। आपको बता दें कि छठ पूजा जो स्त्रियां व्रत रहती है वो नहाय खाय के पहले दिन से इस व्रत की शुरुआत करती है। आपको बता दें कि व्रत में नहाय खाय में स्त्रियां सात्विक भोजन करती है।
छठ पूजा के इस दिन लोग अपने घरो में सात्विक भोजन बनाते हैं। आपको बता दें कि इस नहाय- खाय में लौकी की सब्जी और चने की दाल बनती है। इसके साथ जो लोग इस छठ पूजा का व्रत रखती है। वो इस भोजन को सबसे पहले करती है। आपको बता दें कि जो स्त्रियां छठ पूजा का व्रत रखती है वो व्रत खत्म होने तक जमीन पर ही सोना होता है।